इस वक्त कई किसान बसंत कालीन गन्ने की बुवाई (Sugarcane Cultivation) की ओर रूख कर चुके हैं. ऐसे में हम किसान भाईयों को एक अहम जानकारी देने वाले हैं. दरअसल, किसान गन्ने की खेती के साथ-साथ भिंडी की खेती (Okra Cultivation) करके दोहरा लाभ कमा सकते हैं.
ट्रेंच विधि से करें गन्ने के साथ भिंडी की बुवाई
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो उत्तर प्रदेश किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच के सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्त द्वारा बताया गया है कि ट्रेंच विधि द्वारा गन्ने की बुवाई करने के बाद उसके बीच में भिंडी की खेती (Okra Cultivation) की जा सकती है. इसके लिए किसानों को गन्ने की उन्नत किस्मों (Sugarcane Variety) का प्रयोग करना होगा. नीचे कुछ किस्में दी गई हैं, जो गन्ने की उन्नत श्रेणी में आती हैं.
- को.शा. 8272
- 8273
- को.सा. 11453
- 13452
- को. 118
- 98014
किसान भाई ध्यान दें कि अगर भिंडी की फसल से अच्छी उपज प्राप्त करना है, तो भिंडी के उन्नत किस्म का इस्तेमाल करें. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बसंत कालीन में गन्ने के साथ भिंडी की बुवाई करने के लिए निम्न किस्मों का इस्तेमाल कर सकते हैं, इन किस्म की बुवाई से 40 से 45 दिन के अंदर सब्जी निकलनी शुरू हो जाती है.
- पूसा सावनी
- बीआरओ-5
- परमनी क्रांति
- बीआओ-6
- पूसा भिंडी-5
- गन्ने की बुवाई के लिए खेत की अंतिम जुताई करते हुए प्रति एकड़ के हिसाब से 40 से 50 क्विंटल गोबर की खाद मिट्टी में मिलाएं.
- गन्ने की बुवाई के बाद भिंडी की बुवाई करें.
- अगर एक एकड़ खेत में बुवाई करना है, तो चार से साढ़े किग्रा बीज पर्याप्त है.
- बुवाई करने से पहले भिंडी के बीच को 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रख दें.
- इसके बाद कुछ देर तक छाया में सुखाएं, फिर बुवाई कर दें.
- गन्ने की 2 पंक्तियों के बीच 2 पंक्ति में भिंडी की बुवाई करें.
- ध्यान रहे कि पंक्ति से पंक्ति के बीच दूरी 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए.
- बीज से बीच की दूरी 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए.
- इसके साथ ही ढाई से तीन सेंटीमीटर की गहराई में बीज बोना चाहिए.
- इसके अलावा 3 से 4 दिन पर सब्जी तोड़ते रहें.
खबर साभार कृषि जागरण