फ्रांस के अंदर जिस तरह से पिछले दिनों मजहबी कट्टरता में अंधे हुए जिहादियों ने बेगुनाहों का खून बहाया उसके बाद से ही फ्रांस सरकार एक्शन में है. फ्रांस सरकार ने ठान लिया है कि मुल्क से इस्लामिक कट्टरवाद को खत्म करके ही दम लेना है. इसके लिए वहां की सरकार लगातार एक के बाद एक बड़ा कदम उठा रही है. जिहादी अड्डों पर कार्रवाई करके कट्टरपंथी को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है. सरकार की कोशिश ऐसे अवैध स्कूलों पर नकेल कसने की भी है, जहां किसी खास एजेंडे के तहत तालीम दी जाती है.
इसी बीच कट्टरवाद पर लगाम लगाने के लिए फ्रांस के निचले सदन में मंगलवार को एक नया बिल लाया गया. ये बिल अगर कानून की शक्ल अख्तियार कर लेता है तो ना केवल मस्जिदों और मदरसों पर सरकारी निगरानी बढ़ेगी बल्कि इस्लामिक कट्टरवाद को खत्म करने के लिए बहु विवाह और जबरन विवाह पर नकेल कसी जा सकेगी.
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में एक शिक्षक की सिर कलम करके हत्या करने के बाद ये बिल चरमपंथ से लड़ने के लिए हाल के सालों में फ्रांसीसी सरकार की ओर से किए जाने वाला ताजा प्रयास है.
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता जैसे फ्रांसीसी मूल्यों की रक्षा किया जाना आवश्यक है. वहीं फ्रांस में रहने वाले मुस्लिमों का कहना है कि मसौदा कानून ना केवल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करेगा बल्कि उन्हें इसके जरिये निशाना बनाया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि चूंकि फ्रांस के पास पहले से आतंकवादी हिंसा से लड़ने के लिए पर्याप्त कानून है, इसलिए नया बिल लाने की कोई जरूरत नहीं है.
वहीं आलोचकों का कहना है कि अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर इस बिल को लाया जा रहा है. इसके माध्यम से रूढि़वादी और अति- दक्षिणपंथी मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है. चूंकि नेशनल असेंबली में मैंक्रो की पार्टी का बहुमत है, इसलिए ये बिल वहां से आसानी से पारित हो जाएगा. सीनेट से भी इसके पास होने की उम्मीद है. इससे पहले फ्रांस सरकार एक नया विधेयक लेकर आई थी. जिसके तहत तीन साल की उम्र से ही बच्चों को स्कूल भेजना अनिवार्य होगा. इसके अलावा इस बिल के जरिए बच्चों को घर पर या मस्जिदों में पढ़ाई करने से रोका जाएगा. सरकार का मानना है कि इससे फ्रांस के मूल्यों के खिलाफ किसी विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिशों को खत्म करने में मदद मिलेगी.
विधेयक में कहा गया है कि मस्जिदों को पूजास्थल के तौर पर रजिस्टर किया जाएगा ताकि उनको बेहतर तरीके से पहचाना जा सके. इसके अलावा, न्यायाधीश के पास आतंकवाद, भेदभाव, नफरत या हिंसा के दोषी करार दिए गए व्यक्ति को मस्जिद जाने से रोकने का अधिकार होगा. विदेशी फंडिंग पर नजर रखने का भी प्रावधान बिल में किया गया है. तो इस तरह से फ्रांस सरकार इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है. जो आने वाले दिनों में जिहादी सोच वाले लोगों पर भारी पड़ेंगे.