
पेइचिंग
लद्दाख की पैंगॉन्ग झील से भारत और चीन के बीच सेनाएं पीछे लेने पर सहमति कायम करने के बाद आखिरकार ड्रैगन ने अपना बोरिया-बिस्तर समेटना शुरू कर दिया है। दोनों देशों के बीच इस बात को लेकर समझौता हुआ था कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) फिंगर 8 को छोड़ेगी। भारतीय सैनिक भी धान सिंह थापा पोस्ट पर फिंगर 2 और 3 के बीच पीछे जाएंगे। चीनी PLA पैंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 को आखिरकार खाली कर रही है। माना जा रहा है कि दोनों ओर से पूरी प्रक्रिया एक हफ्ते में कर ली जाएगी।
यहां पिछले साल PLA ने कब्जा कर रखा था और भारत के साथ यथास्थिति को बदला था। चीनी सैनिक यहां बने शेल्टर और दूसरे ढांचों को हटा रहे हैं। भारत का कहना है कि फिंगर 8 तक हमारा क्षेत्र है जबकि चीन फिंगर 4 तक अपना दावा ठोंकता है। दोनों सेनाओं में इस क्षेत्र के बीच झड़पें हुई हैं। यह इलाका पैंगॉन्ग के उत्तरी तट से 8 किमी दूर है। दोनों सेनाओं के पीछे हटने के बाद पट्रोलिंग तब शुरू होगी जब दोनों पक्ष कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के जरिए कोई समझौता करेंगे।
The #Chinese Army is finally vacating #Finger4 area on the northern bank of #Pangong lake that it had occupied last yr & changed the status quo on the #LAC with India. The Chinese troops are dismantling shelters & removing other structures they had built up during the occupation. pic.twitter.com/pfyZzw9hE8
— IANS Tweets (@ians_india) February 15, 2021
भारत ने रखी थी शर्त
दरअसल, सेनाएं पीछे लेने के लिए की जा रही बातचीत के दौरान भारत ने साफ कह दिया था कि अगर फिंगर 5 खाली नहीं हुआ तो समझौता नहीं हो सकता। इस पर चीन ने कम-से-कम 30 सैनिकों को फिंगर 5 पर मौजूद रहने देने की इजाजत मांगी, लेकिन भारत फिर भी नहीं माना। आखिरकार, चीन जब फिंगर 8 से पूरी तरह वापस जाने को राजी हुआ तब भारत ने भी अपनी सेना फिंगर 3 तक वापस लाने की हामी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर नष्ट करने की डील
इसके बाद भी भारत ने यह शर्त रखी थी कि फिंगर 3 से 8 के बीच कोई भी देश पेट्रोलिंग नहीं करेगा। भारत ने चीन से यह बात मनवा ली कि अप्रैल 2020 के बाद पीएलए ने जो भी इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा किए, उन्हें नष्ट किया जाएगा। चीन ने फिंगर 8 और 4 के बीच निर्माण कार्य का सिलसिला तब शुरू किया जब भारत 1999 में पाकिस्तान के साथ करगिल युद्ध में उलझा हुआ था। 10 साल में चीन ने यहां ने भारी निर्माण कराया है।