चीन की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अफ्रीका के सोमालीलैंड के बाद अब मध्य यूरोप का देश चेक गणराज्य ताइवान के साथ अपने सम्बन्धों को बढ़ाने की पहल कर रहा है। चेक गणराज्य की सीनेट के अध्यक्ष Milos Vystrcil सहित व्यापार और शिक्षा के 80 से अधिक प्रतिनिधि चीन की वन चाइना पॉलिसी की धज्जियां उड़ाते हुए ताइवान पहुंचे।
चीन के विरोध के बावजूद ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने ताइवान हवाई अड्डे पर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। चेक गणराज्य का यह प्रतिनिधिमण्डल ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से भी मिलेगा। चेक गणराज्य का कहना है कि चीन उसके और ताइवान के बीच रोड़ा बन रहा था इसलिए अब वो सीधे ताइवान के साथ अपने संबंधों को मज़बूत बनायेंगे।
चेक प्रतिनिधिमंडल की इस छह दिवसीय यात्रा से सबसे अधिक पीड़ा चीन को हुई है। चीनी विदेश मंत्री ने इस यात्रा की निंदा की और कहा, “चीन इस घृणित कार्य की निंदा करता है और चेक पक्ष से One China Policy का पालन करने और ताइवान से संबंधित मुद्दों को विवेकपूर्ण और उचित तरीके से संभालने का आग्रह करता है।”