लगता है ट्विटर ने टिक टॉक के अनुभव से कुछ भी सीख नहीं ली है। हाल ही में भ्रामक खबरें फैलाने वाले कई Twitter हैंडल्स के विरुद्ध केंद्र सरकार ने एक्शन लेते हुए ट्विटर को उनके अकाउंट्स ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। इन अकाउंट्स को कुछ समय के लिए ब्लॉक भी किया गया, लेकिन कुछ ही घंटों बाद सभी अकाउंट्स बहाल हो गए, जिससे अब ये स्पष्ट होता है कि Twitter ने ट्रम्प की भांति केंद्र सरकार को भी चुनौती देने का निर्णय लिया है।
Priorities of the worlds largest democracy. Building concrete barricades to silence the farmers protest. Mass blocking twitter account of journalists to censor the truth from reaching the world. You are such a failure Prime Minister @narendramodi ? https://t.co/N2VaaBdpbS
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) February 1, 2021
फलस्वरूप ट्विटर ने 250 से ज्यादा अकाउंट निलंबित कर दिए, जिनमें कारवां इंडिया का Twitter पोर्टल, अभिनेता सुशांत सिंह, सोशल मीडिया ‘विशेषज्ञ’ संजुक्ता बासु, कथित आदिवासी नेता हंसराज मीणा, किसान एकता मोर्चा जैसे अकाउंट्स भी शामिल थे। इन अकाउंट्स द्वारा प्रमुख तौर पर मोदी सरकार द्वारा किसानों के नरसंहार की झूठी अफवाह को बढ़ावा दिया गया था, और यह लोग CAA लागू होने के समय से ही अराजक तत्वों को बढ़ावा देने में जुटे हुए थे।
Our Official Twitter Account Withheld !!
Why is govt. suppressing the voice of farmers?
Does govt. fear farmers’ stern actions?Follow Backup Account @kemorcha#SuppressBillsNotJournalists#बजटनहींबिल_वापसी pic.twitter.com/9cF92enapT
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) February 1, 2021
Withheld her account too.@TwitterIndia @narendramodi @Twitter @jack https://t.co/M4TaFkW0Cr
— Dark Fútbol (@mourinhian) February 1, 2021
फिर क्या था, इसपर बवाल मच गया और वामपंथी स्वभावानुसार रुदाली मचाने लगे। कई लोगों ने ट्विटर को मोदी का गुलाम तक बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आलोचनाओं के बाद अमेरिकी टीम ने रिव्यु कर सभी अकाउंट्स को बहाल कर दिया, मानो वे सब के सब किसी ‘टेक्निकल एरर’ के कारण निलंबित हुए थे।
इसपर ट्विटर ने सफाई दी कि भारत सरकार के कहने पर अकाउंट्स को बैन किया गया था परन्तु जांच में सभी कंटेंट फ्री स्पीच योग्य लगे इसलिए उन्हें फिर से बहाल कर दिया। #ModiPlanningFarmerGenocide जैसे हैशटैग किसानों को भड़काने और किसान आंदोलन को और उग्र बनाने के मकसद से किया गया था ऐसे में कैसे ये फ्री स्पीच है, ये समझ से परे है, जबकि इसके विपरीत अमेरिका के कैपिटोल हिल पर जब भीड़ जमा हुई थी तो Twitter ने बिना किसी जांच के ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके समर्थकों का अकाउंट ही बैन कर दिया। भले ही उनके ट्वीट फ्री स्पीच के योग्य ही क्यों न थे परन्तु अपनी पक्षपाती नीति के तहत ट्विटर के ये कदम उठाया था।