बिहार के किसानों के लिए दो खुशखबरियां हैं। पहली खुशखबरी यह कि सरकार ने धान खरीद की तय समयसीमा को बढ़ा दिया है। अब सरकार 21 फरवरी तक किसानों से धान की खरीद करेगी। दूसरी राहत भरी खबर यह है कि अगर वे बैंकों के कर्जदार हैं तो OTS (वन टाईम सेटेलमेंट) योजना के तहत उन्हें कर्ज के ब्याज पर 90 फीसदी तक की छूट मिलेगी।
धान खरीद की समयसीमा 21 दिन बढ़ाने के मामले में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि धान में मौजूद नमी के कारण समस्या आ रही थी, लिहाजा 21 दिनों का एक्सटेंशन दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी जिलों के DM को कह दिया गया है कि 29 जनवरी तक धान खरीद की पूरी समीक्षा कर लें। इससे पहले धान अधिप्राप्ति की तिथि 31 जनवरी को खत्म हो रही थी। बिहार सरकार द्वारा 45 लाख मिट्रिक टन धान खरीदारी का लक्ष्य रखा गया है। गुरुवार को एक अणे मार्ग स्थित CM हाउस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक हुई। विभागीय मंत्री और अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद धान अधिप्राप्ति की तिथि आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया।
रिकॉर्ड तोड़ सकती है खरीद
किसान आंदोलन का असर कहें या फिर नई सरकार का जोश, बिहार में इस बार किसानों से धान खरीद की रफ्तार पूर्व के वर्षों की तुलना में बेहद अच्छी है। फिलहाल सरकार से मिल रहे आंकड़ों के मुताबिक अब तक 20 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद किसानों से हो चुकी है। हालांकि यह सरकार के तय लक्ष्य 45 लाख मिट्रिक टन से काफी पीछे है, इसके बाबजूद पिछले सालों की तुलना में यह आंकड़ा अच्छा माना जा रहा है। पिछले साल सरकार 20 लाख मिट्रिक टन धान खरीद पाई थी, लेकिन इस साल अभी ही यह आंकड़ा पा लिया गया है। धान खरीद की तारीख बढाने के बाद अब इसमें और इजाफा होना तय है।
सहकारिता बैंकों के हैं कर्जदार तो 10 फरवरी तक है मौका
केन्द्रीय सहकारी बैंकों एवं बिहार राज्य सहकारी बैंक के कर्जदारों के लिए राहत की खबर है। खबर यह है कि 10 फरवरी तक बैंकों द्वारा चलाई जा रही OTS (वन टाईम सेटेलमेंट) योजना के तहत अगर कर्जदार किसान, पैक्स या सहकारी समितियां आवेदन करती हैं तो उन्हें कर्ज के ब्याज पर 90 फीसदी तक की छूट मिलेगी। सहकारिता विभाग के 19 जिलों के सहकारिता बैंकों की OTS योजना के तहत अब तक केवल 1600 कर्जदारों ने इस योजना का लाभ लिया है। बैंकों के आंकड़ों के मुताबिक करीब 56 हजार बकायेदारों को बैंकों ने नोटिस भेजा है। 15 दिसंबर से चल रही OTS योजना के तहत अब तक 1600 कर्जदारों से बैंकों की करीब 6 करोड़ 52 लाख की वसूली हुई है, जबकि सहकारी बैंकों का कुल NPA करीब 563 करोड़ का है।