पेइचिंग : लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन लगातार तिब्बत में अपनी सेना की उपस्थिति को मजबूत कर रहा है। चीनी सेना ने सिक्किम बॉर्डर से 200 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित शिगाज एयरबेस (Xigaze Airport) को अपग्रेड कर यहां नया मिलिट्री लॉजिस्टिक हब को स्थापित किया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस एयरबेस की मदद से चीन भारत और भूटान दोनों पर नजर रख सकता है। यह एयरबेस 2017 के डोकलाम विवाद वाली जगह से भी नजदीक है।
Infrastructure upgrades south of Xigaze Airport, #Tibet show the aerodrome being linked to a rail terminal, possibly developing it into a future logistics hub for #China #PLA, additionally spotted nearby is a new suspected underground facility that warrants further monitoring pic.twitter.com/AeiqbxumVV
— d-atis☠️ (@detresfa_) January 11, 2021
सैटेलाइट तस्वीर ने खोली चीन की पोल
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस @detresfa_ ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर दावा किया है कि चीन ने इस एयरबेस पर एक बुनियादी ढांचा तैयार किया है। इसे रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए रेल लाइन को भी बिछाया जा रहा है। सैटेलाइट इमेज में नया मिलिट्री लॉजिस्टिक हब साफ दिखाई दे रहा है। इसके अलावा फ्यूल डिपो और निर्माणाधीन रेलवे टर्मिनल भी दिखाई दे रहे हैं।
मिसाइलों को भी तैनात किया
इतना ही नहीं इस बेस पर चीन ने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को भी तैनात किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी एयरबेस पर जमीन से हवा में मिसाइलों को तब तैनात किया जाता है, जब उसका सामरिक महत्व ज्यादा होता है। चीन ने यहां दो सुरंगों का भी निर्माण किया है। माना जा रहा है कि यहां मिसाइलों को छिपाया जा सकता है।
अरुणाचल सीमा पर भी चीन ने एयरबेस को अपग्रेड किया
हाल में ही सैटेलाइट इमेज से खुलासा हुआ था कि भारतीय सीमा से 130 किलोमीटर की दूरी पर चीन एक एयरबेस को अपग्रेड कर रहा है। यहां पर विमानों के उड़ान भरने के लिए नया रनवे और उनकी मेंटिनेंस के लिए नए एप्रन का निर्माण किया जा रहा है। यह रनवे याकू नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। चामडो बंगडा एयरबेस पर पहले से ही 5500 मीटर का एक रनवे मौजूद था। इसके अलावा चीन जो नया रनवे बना रहा है उसकी लंबाई 4500 मीटर के आसपास है।
यहां है चीन का एयरबेस कर सकता है सैन्य तैनाती
सैटेलाइट तस्वीर में रनवे के नजदीक मिलिट्री के इस्तेमाल के लिए बनाया गया एप्रन दिखाई दे रहा है। माना जा रहा है कि चीन ठंड के दिनों में अपने कुछ ट्रूप्स और हथियारों को इस सीमा पर तैनात करने की प्लानिंग कर रहा है। इस बेस पर यह निर्माण गतिविधियां जून 2020 में शुरू हुईं थीं जो अब तक जारी है।
आसान नहीं है यहां से उड़ान भरना
यह एयरपोर्ट इतनी ऊंचाई पर स्थित है कि यहां से उड़ान भरना सभी विमानों के लिए आसान नहीं होगा। यहां ठंड के दिनों में तापमान शून्य से काफी नीचे रहता है। जबकि, सामान्य दिनों में भी यहां तेज हवा, ऑक्सीजन की कमी और हवा का कम घनत्व विमानों के उड़ने में बाधक बनता है। ठंड के दिनों में तो यहां हवा की स्पीड 30 मीटर प्रति सेकेंड तक चली जाती है।