
औषधीय पौधे न केवल अपना औषधीय महत्व रखते हैं, बल्कि आमदनी का एक बेहतर जरिया भी बन जाते हैं. यह हमारे शरीर को निरोगी बनाने में अत्यधिक महत्व रखते हैं. यही वजह है कि आज के समय में औषधीय पौधों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है.
इस पौधे को यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड में लुसर्न के रूप में जाना जाता है. इसके साथ ही दक्षिण एशिया में लुसर्न घास के रूप में जाना जाता है. इस पौधे को अमेरिका और पश्चिमी उत्तर प्रदेश आदि में अधिक बोया जाता है. अगर इस पौधे को एक बार बो दिया जाए, तो यह 4 से 5 साल तक उपजता रहता है. फिलहाल, दुनियाभर में अल्फाल्फा को पशुओं के चारे के रूप में उगाया जाता है. अधिकतर इसकी खेती सूखे घांस के रूप में की जाती है. इस पौधे में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होते हैं.
आज के समय में अधिकतर लोग किसी ना किसी बीमारी का शिकार रहते हैं. किसी को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है, तो किसी को डायबिटीज या फिर ज्यादा वजन से परेशान रहते हैं. इसके लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं, लेकिन फिर भी लोगों को राहत नहीं मिलती है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने खान-पान का खास ख्याल रखें. आज हम आपको अल्फाल्फा पौधे की खासियत बताने जा रहे हैं, जो कि आपकी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचा सकता है.
वजन घटाने में मददगार
इसमें कैलोरी की बहुत कम मात्रा पाई जाती है. बताया जाता है कि 100 ग्राम अल्फाल्फा में केवल 23 कैलोरीज होती है, जबकि फाइबर की मात्रा अधिक होती है. ऐसे में इसका सेवन से भूख कम लगती है, जिससे पेट भरा रहता है. इसके साथ ही डाइट में कम कैलोरीज लेने से वजन भी नियंत्रण में रहता है.
डायबिटीज़ में लाभकारी
डायबिटीज़ के मरीजों के लिए अल्फाल्फा दवा की तरह काम करता है. इसके पत्तियों के सेवन से अग्नाशय से इंसुलिन उत्सर्जित होने लगता है. इसके साथ ही रक्त में शर्करा स्तर भी नियंत्रित बना रहता है.
हार्ट के लिए
इसका सेवन हृदय रोग का खतरा कम करता है, क्योंकि इसमें फाइबर होता है, जो कि हृदय रोग का खतरा कम करने के लिए उपयोगी है.
खबर साभार कृषि जागरण