आज का युग विज्ञान का युग कहा जाता है. आज का मनुष्य हर बात के पीछे वैज्ञानिक वजह ढूंढ़ता है. लेकिन दुनिया में ऐसे कई रहस्य भी हैं, जिनसे विज्ञान भी आज तक पर्दा नहीं उठा पाया है. जिनमें से सबसे रहस्यमई विषय है, जीवन-मरण और भूत. हालांकि साइंस ने भी ये माना है कि आत्माएं होती हैं और विज्ञान में आत्माओं से जुड़ा एक सब्जेक्ट भी है. जिसका नाम है पनुमाटोलॉजी. दुनिया भर में कई ऐसी जगह हैं.
जिसे पूरी दुनिया हॉन्टेड जगहों के नाम से जानती है और वहां जाने से भी डरती है. भारत में भी कई ऐसी जगह हैं. जैसे की राजस्थान में भानगढ़ का किला, दिल्ली केंट जैसी बहुत सी भूतिया जगह भारत में मौजूद हैं. तो वहीं इस श्रेणी में एक और देश है जहां पर दुनिया का सबसे बड़ा भूतिया और शापित होटल है. उस देश का नाम जान कर आप हैरान हो जायेंगे. उस देश का नाम है उत्तर कोरिया. वैसे तो उत्तर कोरिया अपने अजीबोगरीब नियमों और मिसाइलों के परीक्षण के वजह से पूरी दुनिया में चर्चा में रहता है. लेकिन इसके साथ ही यहां ऐसी कई चीजें हैं, जो लोगों को हैरान करती है. इन्हीं में से एक है पिरामिड के आकार और नुकीले सिरे वाली एक इमारत, जो एक होटल है. इस होटल का नाम रयुगयोंग है, लेकिन इसे यू-क्यूंग के नाम से भी जाना जाता है.
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयोंग में 330 मीटर ऊंचे इस होटल में कुल 105 कमरे हैं. लेकिन आज तक कोई भी व्यक्ति यहां ठहरा नहीं है. बाहर से बेहद ही शानदार, लेकिन वीरान से दिखने वाले इस होटल को ‘शापित होटल’ या ‘भुतहा होटल’ के नाम से जाना जाता है. इस होटल को ‘105 बिल्डिंग’ के नाम से भी जाना जाता है. कुछ साल पहले अमेरिकी मैगजीन ईस्क्वाइयर ने इस होटल को ‘मानव इतिहास की सबसे खराब इमारत’ करार दिया था.
इस होटल के निर्माण में बहुत पैसे खर्च हुए हैं. जापानी मीडिया के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने इसके निर्माण पर कुल 750 मिलियन डॉलर यानी करीब 55 अरब रुपये खर्च किए थे. यह रकम उस समय उत्तर कोरिया की जीडीपी की दो फीसदी थी. लेकिन फिर भी आज तक यह होटल शुरू नहीं हो पाया. वैसे तो इस होटल को दुनिया के सबसे ऊंचे होटल के रूप में बनाया जा रहा था, लेकिन अब इसकी एक अलग ही पहचान बन गई है. दुनिया इस होटल को अब ‘धरती की सबसे ऊंची वीरान इमारत’ के तौर पर जानती है. इस खासियत की वजह से इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. कहते हैं कि अगर यह होटल तय समय पर पूरी तरह से बन गया होता, तो यह दुनिया की सातवीं सबसे ऊंची इमारत और सबसे ऊंचे होटल के तौर पर जाना जाता.
Hotel Ryugyeong [류경호텔], de 330 metros, iniciado en 1986 con fecha de inauguración en 2015. Pyongyang, Corea del Norte pic.twitter.com/41toUfXga8
— Alvaro 알바로 🇰🇷😷 (@alvariteus) November 6, 2014
इस इमारत का निर्माण कार्य साल 1987 में शुरू हुआ था. बीबीसी के मुताबिक, तब यह उम्मीद जताई गई थी कि यह होटल दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. कभी इसे बनाने के तरीके के साथ दिक्कत हुई, तो कभी निर्माण सामग्री के साथ समस्या आ गई. इसके बाद साल 1992 में आखिरकार इस होटल के निर्माण कार्य को रोकना पड़ा. क्योंकि उस समय उत्तर कोरिया आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो गया था.
हालांकि, साल 2008 में इसे बनाने का काम फिर से शुरू हुआ. पहले तो इस विशालकाय होटल को व्यवस्थित करने में ही करीब 11 अरब रुपये खर्च हो गए. इसके बाद फिर निर्माण कार्य शुरू हुआ. पूरी इमारत में शीशें के पैनल लगाए गए हैं.
मीडिया की ख़बरों के मुताबिक, साल 2012 में उत्तर कोरिया के प्रशासन ने ये एलान किया था कि होटल का काम 2012 तक पूरा हो जाएगा, लेकिन यह हो नहीं पाया. इसके बाद भी कई बार उम्मीदें लगाई गईं कि होटल इस साल शुरू होगा, उस साल शुरू होगा, लेकिन हकीकत तो यही है कि आज तक यह होटल खुल नहीं पाया है. कहते हैं कि अभी भी इस होटल का काम आधा-अधूरा ही है. तो अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि ये होटल कभी पूरा बन भी पाएगा या नहीं?