गुरुवार, 30 जनवरी को माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी है, इस तिथि वसंत पंचमी मनाई जाती है। ये दिन देवी सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे वागीश्वरी जयंती और श्रीपंचमी भी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार बसंत पंचमी पर दोपहर 1.30 बजे से सर्वार्थ सिद्धि का योग भी रहेगा। मंगल स्वराशि वृश्चिक में, गुरु स्वराशि धनु में, शनि स्वराशि मकर में, शुक्र मित्र राशि कुंभ में, राहु-केतु भी मित्र राशि में रहेंगे। ग्रहों के योगों में वसंत पंचमी का आना शुभ फलों में वृद्धि में करने वाला है।
इस पूजा का हिन्दू धर्म में काफी महत्व है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है. बसंत पंचमी की पौराणिक मान्यता है कि उस दिन मां सरस्वती प्रकट होती हैं और अपना आशिर्वाद देती हैं. हर साल बसंत पंचमी को एक त्वोहार के रुप में मनाया जाता है. इस दिन विद्धार्थी, कलाकार, संगीतकार और लेखक आदि मां सरस्वती की उपासना करते हैं. क्योंकि मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है इसलिए विद्धार्थी उनकी उपासना करते हैं. मां सरस्वती को सुरों की देवी भी कहा जाता है इसलिए संगीतकार मां सरस्वती की उपासना करते हैं ताकि स्वरसाधक मां सरस्वती की उपासना का उसने से स्वर प्रदान करे.
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी की पुजा का विशेष विधि विधान है. जिसके कई नियम है इस नियम से किए पूजा से मा सरस्वती प्रशन्न होती हैं और सारी मनोकामना पूर्ण करती हैं. बसंत पंचमी के दिन भूल कर भी कुछ ऐसे काम नहीं करने चाहिए यदि नियमों का पालन नहीं किया तो मां सरस्वती और पितृ रूठ सकते है.
बसंत पंचमी पर्व का शुभ मुहूर्त
पूजा मुहूर्त – 10:45 से 12:35 बजे तक
पंचमी तिथि का आरंभ – 10:45 बजे से (29 जनवरी 2020)
पंचमी तिथि समाप्त – 13:18 बजे (30 जनवरी 2020) तक
बसंत पंचमी पर क्या न करें
1 बसंत पंचमी के दिन सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए.
2 बसंत पंचमी के दिन गलती से भी मांस मदिरा का सेवन ना करें, उस दिन सुबह जग कर स्नान के बाद पूजा करे उसके बाद सात्विक भोजन करे.
3 सरस्वती पूजा के दिन पेड़-पौधों को ना काटे इससे मां सरस्वती रुठ सकती हैं.
4 बसंत पंचमी के दिन बिना नहाए कुछ भी नहीं खाना चाहिए. इस दिन नदी, सरोवर या पास के तालाब में स्नान करना चाहिए और मां सरस्वती की पूजा अराधना के बाद ही कुछ खाना चाहिए.
-यदि आप बसंत पंचमी का व्रत करते हैं तो आप इस दिन किसी पेड़ के पत्तों को भूलकर भी न तोड़ें।
-बसंत पंचमी किसी भी रूप में क्रोध बिल्कुल भी न करें नहीं तो मां सरस्वती आपको दंड के रूप में आपकी बुद्धि का हरण कर सकती हैं।
-बसंत पंचमी पर विद्या देने वाली किसी भी चीज का अपमान न करें। क्योंकि ऐसा करने से मां सरस्वती आपसे नाराज हो जाएंगी।
-इस दिन को फसल और हरियाली का त्योहार माना जाता है। इसलिए इस दिन किसी भी फसल को न काटें और न हीं किसी पेड़ को काटें।
-किसी भी प्रकार से इस दिन घर में कलेश न करें । क्योंकि इस दिन यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको मां सरस्वती के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।
-बसंत पंचमी को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। आज के दिन पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
-बसंत पंचमी के दिन किसी भी रूप में घर तामिसक भोजन का प्रयोग न करें।
-बसंत पंचमी पर मदिरा का सेवन बिल्कुल भी न करें । क्योंकि इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है।
-इस दिन आपको अपने गुरु या गुरु समान लोगों का अपमान बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपको ज्ञान की प्राप्ति नहीं होगी।
-बसंत पंचमी पर किसी भी जानवर को न मारें और न हीं उसे सताएं।