पाकिस्तान कंगाली के दौर से गुजर रहा है. पूरा देश भुखमरी के कगार पर खड़ा है. जिन देशों ने इसे कर्ज दिया है वे तगादे पर तगादा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री इमरान खान भीख का कटोरा लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. इस सब के बाद भी पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश रचने से बाज नहीं आ रहा है. भारत को अस्थिर करने के लिए उसने अपने यहां आतंकवादियों की फौज तैयार कर रखी है. जो कश्मीर में आतंक फैलाने का काम कर रही है. लेकिन भारतीय सुरक्षाबलों ने इन आतंकियों की कमर तोड़ दी है. अब हताश पाकिस्तान इसके लिए कबूतर और ड्रोन का सहारा ले रहा है.
राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर के शाहगढ़ बल्ज क्षेत्र स्थित एसडीके चौकी के पास सीमा पार पाकिस्तान से एक कबूतर आया. जिसे बीएसएफ के जवानों ने तत्काल पकड़ लिया. कबूतर के पैरों पर टैग लगे हुए हैं और पंखों पर नंबर्स लिखे हैं. इन कबूतरों की जांच की जा रही है. इससे पहले भी पाकिस्तान जासूसी के लिए कबूतर और ड्रोन का इस्तेमाल करता रहा है. बीएसएफ ने कुछ दिनों पहले भी एक कबूतर पकड़ा था. उसके पैरों में जीपीएस डिवाइस लगी हुई है. जैसलमेर के शाहगढ़ बल्ज क्षेत्र स्थित बॉर्डर ऑउट पोस्ट एसडीके के ओपी पार्टी नम्बर-2 ने सीमा पार पाकिस्तान से आये एक कबूतर को झाड़ी में बैठा हुआ देखा. जिसे वहां तैनात बीएसएफ की 18 वीं बटालियन के जवानों ने तत्काल ही पकड़ लिया.
जानकारी के अनुसार 230 GPS, जियोलोकेटर या जीपीएस ट्रैकर पक्षियों को ट्रैक करने के लिए उपयोग किया जाता है. पकड़ा गया कबूतर कोलम्बिडा परिवार का सदस्य है. यह दक्षिणी कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, अफगानिस्तान, उत्तर-पूर्व ईरान और उत्तर-पश्चिम चीन में प्रजनन करता है और सर्दियों के समय यह उत्तर-पूर्व पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी आ जाते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कबूतर के पैरों पर टैग लगे हुए हैं, जिस पर 15 और 32 अंक लिखा हुआ है.
बता दें कि पाकिस्तान इस प्रकार की नापाक हरकतें करने की कोशिश करता है और पश्चिमी सीमा से कभी पक्षी, कभी गुब्बारे भारतीय सीमा में भेजता है लेकिन सीमा पर तैनात जवानों की मुस्तैदी के चलते हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है. इससे पहले पाकिस्तान की ओर से आए ड्रोन को बीएसएफ जवानों से गिराया था.