हरियाणा में साल 2020 में प्रति 1000 बेटों पर 922 बेटियां पैदा हुईं। 2014 में यह संख्या 871 थी। हालांकि, 2019 में यह संख्या 923 रही थी। उल्लेखनीय है कि 21 जनवरी 2015 को पीएम ने पानीपत से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया था। इसके बाद बेटियों की संख्या बढ़ी।
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि 2021 के दौरान लिंगानुपात 935 प्लस का लक्ष्य रखा है, जो कन्या भ्रूणहत्या के खिलाफ लड़ाई जारी रखते हुए पूरा किया जाएगा। जिन जिलों में दशकों तक लिंगानुपात 900 से कम था, उनमें से अधिकांश में लिंगानुपात अब 920 से अधिक हो गया है।
राज्य के 22 जिलों में से 20 जिलों में लिंगानुपात 900 या इससे अधिक है। सिरसा में यह 949 है। 2020 के दौरान कुल 537996 बच्चों के जन्म का पंजीकरण हुआ है। इनमें 279869 लड़के व 258127 लड़कियां हैं। 2019 में 518725 बच्चों ने जन्म लिया था, जिनमें 269775 बेटे और 248950 बेटियां थीं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि 2019 के दौरान भ्रूण लिंग जांच की 77 एफआईआर दर्ज की गई। साल 2020 में 100 एफआईआर दर्ज की गई। दिल्ली, पंजाब, यूपी और राजस्थान में अंतरराज्यीय छापे के बाद 40 ऐसे मामले पकड़े गए। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अधिकतम 11 एफआईआर दर्ज की गईं।