होली के त्योहार को 5 दिन बाकी रह गए हैं. होली के पर्व को रंगो का त्योहार भी कहा जाता है. वैसे तो होली का पर्व हिंदुओं का पवित्र त्योहार माना जाता है. लेकिन इसे मनाता हर वर्ग का इंसान है. रंगों की होली से एक दिन पहले होलिका दहन का उत्सव मनाया जाता है. जिसमें देशभर के लोग लकड़ियां जलाकर होलिका दहन के पर्व को धूम धाम से मनाते है. लेकिन क्या आप जानते है कि होलिका दहन के दौरान कौन-सी वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए. जी हां सही सुना आपने होलिका दहन में लकड़ियों के साथ जिन तमाम वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है उसका आपकी पूजा पर सीधा असर पड़ता है.
होलिका दहन के लिए हर गली मुहल्ले और यहां तक की अब तो हर सोसायटी में भी आठ दिन पहले ही होलिका का डंडा लगा दिय़ा जाता है और होलिका दहन के दिन जला दिया जाता हैं. लेकिन इसमे ध्यान रखने वाली बात तो ये है कि आप इसमे लड़कियों को साथ किन वस्तुओं का इस्तेमाल करते है. क्योकि इसमें अधिकतर लोगों को पता ही नहीं होता कि होलिका दहन में किस लकड़ी का इस्तेमाल होना चाहिए. जिसकी वजह से वो बिना जाने समझे हरे पेड़ की लकड़ियां भी होलिका दहन में जला देते हैं जो सही नहीं है. बता दें कि शास्त्रों के मुताबिक बरगद के पेड़ से लेकर पीपल का पेड़, शमी का पेड़, आम का पेड़, आंवले का पेड़, नीम का पेड़, केला का पेड़, अशोक का पेड़, बेलपत्र का पेड़- इन सभी की पूजा की जाती है. इसलिए होलिका दहन के मौके पर हरे पेड़ की लकड़ियों को भूलकर भी नहीं जलाना चाहिए. इसके अलावा होलिका दहन की पूजा के लिए
एरंड और गूलर के पेड़ की लकड़ियों को काफी शुभ माना जाता है क्योंकि इस मौसम में गूलर और एरंड इन दोनों ही पेड़ों के पत्ते झड़ने लगते हैं और अगर इन्हें जलाया न जाए तो इनमें कीड़े लगने लगते हैं. लिहाजा इन दोनों पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल होलिका दहन में किया जा सकता है.इसके अलावा होलिका दहन के लिए गाय के गोबर से बने उपले और कंडों का विकल्प हर लिहाज से अच्छा है. इसके अलावा आप खर-पतवार को भी होलिका दहन की आग में जला सकते है. इस तरीके से आप होलिका दहन का त्योहार मनाने के साथ बड़ी तादाद में हरे पेड़ और लकड़ियों को बचाया जा सकते है.
क्यो मनाया जाता है होलिका दहन
होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में जरूरी नहीं है कि होलिका दहन में लकड़ियां ही जलाई जाए, होली कंडों से भी जलाई जा सकती है. ऐसा करने से वातावरण भी शुद्ध रहेगे और आप पेड़ को बचा भी पाएगे.