नए साल में बैंकिंग को और आसान बनाने के लिए कई तरह के नियमों में बदलाव हो सकता है. पिछले साल RBI ने चेक नियमों से लेकर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को 24 घंटे तक पहुंचाने जैसे काम किए. बैंकिंग में नियम बदलना काफी आम बात है. लेकिन, मुश्किल तब आती है जब एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हों. दरअसल, एक से ज्यादा अकाउंट होने का जितना फायदा होता है, उससे ज्यादा नुकसान होता है. ज्यादा खाते रखने पर धोखाधड़ी की संभावनाएं भी ज्यादा रहती हैं. अगर आपके भी एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं और वह निष्क्रिय हो गए हैं तो उन्हें बंद करा दीजिए. नहीं तो आने वाले समय में बड़ा नुकसान हो सकता है.
फाइनेंशियल नुकसान की गुंजाइश
निष्क्रिय खाते का सही इस्तेमाल नहीं करने से फाइनेंशियल लॉस भी होता है. उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि आपके पास चार अकाउंट हैं, जिनमें न्यूनतम बैलेंस 10,000 रुपए होने चाहिए. इस पर आपको 3.5-4 फीसदी की दर से सालाना ब्याज मिलता है. मतलब आपको लगभग 1600 रुपए ब्याज मिल रहा है. अब, आप इन चारों अकाउंट को बंद कर इस पैसे को म्युचुअल फंड की स्कीम में डाल देते हैं और कम से कम 8 फीसदी की दर से भी ब्याज मिलने पर आपको 3200 रुपए मिलेंगे, जबकि सेविंग अकाउंट से सिर्फ 1600 रुपए ही मिलेंगे. इसलिए निष्क्रिय खाते में पैसा छोड़ने के बदले निकालकर किसी दूसरे अकाउंट में डालना फायदे का सौदा होता है.
देनी पड़ सकती है पेनल्टी
किसी भी सैलरी अकाउंट में तीन महीने तक सैलरी नहीं आने से वह सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट हो जाता है. सेविंग अकाउंट में तब्दील होने से खाते को लेकर बैंक के नियम बदल जाते हैं. फिर बैंक उसे सेविंग अकाउंट के रूप में ट्रीट करते हैं. बैंक के नियम के मुताबिक, सेविंग अकाउंट में एक न्यूनतम राशि मेनटेन करनी जरूरी है. अगर, आप यह मेनटेन नहीं करते हैं तो आपको पेनल्टी देनी पड़ सकती है और आपके खाते में से जमा रकम से बैंक पैसा काट सकते हैं.
क्रेडिट स्कोर होता है खराब
एक से ज्यादा निष्क्रिय खाते होने से आपके क्रेडिट स्कोर पर भी इसका खराब असर पड़ता है. आपके खाते में न्यूनतम बैलेंस मेनटेन नहीं होने से क्रेडिट स्कोर खराब होता है. इसलिए कभी भी निष्क्रिय खाते को हल्के में नहीं लें और नौकरी छोड़ने के साथ ही उस खाते को बंद करा दें.
सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी सही नहीं
कई बैंकों में अकाउंट होना सुरक्षा के लिहाज से भी सही नहीं होता है. हर कोई अकाउंट का संचालन नेट बैंकिंग के जरिए करता है. ऐसे में सभी का पासवर्ड याद रखना बहुत ही मुश्किल काम होता है. निष्क्रिय अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करने से इसके साथ फ्रॉड या धोखाधड़ी होने का चांस बहुत अधिक होता है, क्योंकि आप लंबे समय तक इसका पासवर्ड नहीं बदलते हैं. इससे बचने के लिए अकांउट को बंद कराएं और उसके नेट बैंकिंग को डिलीट जरूर कर दें.
इनकम टैक्स फाइल करने में होती है परेशानी
ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से टैक्स जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कागजी कार्रवाई में भी अधिक माथापच्ची करनी पड़ती है. साथ ही इनकम टैक्स फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां रखनी पड़ती है. अक्सर उनके स्टेटमेंट का रिकॉर्ड जुटाना काफी पेचीदा काम हो जाता है.
लगते हैं ये एक्स्ट्रा चार्जेज
कई अकाउंट होने से आपको सालाना मेंटनेंस फीस और सर्विस चार्ज देने होते हैं. क्रेडिट और डेबिट कार्ड के अलावा अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए भी बैंक आपसे पैसे चार्ज करता है. तो यहां भी आपको काफी पैसों का नुकसान उठाना पड़ता है.