राजकोट : गुजरात के राजकोट स्थित एक निजी बैंक की ब्रांच में करंट अकाउंट धारक ने गद्दे-तकिए के साथ धरना दिया। वह बैंक द्वारा खाते से 1.62 लाख रुपए काटे जाने से खफा था। उसके मुताबिक, वह बीते 10 दिनों से अफसरों के सामने अपना पक्ष रख रहा था, लेकिन किसी ने नहीं सुना। इस अनोखे विरोध प्रदर्शन से घबराए बैंक को 24 घंटे में ही पैसा खाते में वापस जमा कर दिया। लेकिन मामला अभी भी माफीनामे पर अटका है।
खाताधारक विकासभाई दोशी ने आरोप लगाया कि फॉर्मेट बदलने पर बैंक ने मुझसे नए फॉर्मेट में कागजात मांगा। संबंधित कागजात मैंने मांगे गए फॉर्मेट में जमा भी करा दिए, बावजूद इसके मेरे खाते से 1.62 लाख रुपए काट लिए गए। इस बाबत 10 दिनों तक मैं लगातार बैंक के सामने अपना पक्ष रख रहा था, लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं दिया गया। परेशान होकर मैं यह कदम उठाने को विवश हुआ।
ब्रांच में मची खलबली
इधर, दोशी के ब्रांच में आ जमने से राजकोट ब्रांच में खलबली मच गई। विकासभाई बुधवार को छह घंटे तक ब्रांच में डटे रहे। हालांकि 24 घंटे बाद 1.39 लाख रुपए बैंक ने लौटा दिए। लेकिन चार्ज के नाम पर काटी गई राशि पर जो जीएसटी की राशि काटी गई थी, वह अब तक नहीं लौटाई गई है।
पैसे कटने का ये वाकया पहले भी हो चुका
दूसरी ओर, यस बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर ऋषभभाई वसा ने बताया कि ग्राहक से सीएस सर्टिफिकेट मांगा गया था। उन्होंने 30 दिसंबर को डॉक्यूमेंट जमा करवाए। 31 दिसंबर को उन पर चार्ज लगा। खाताधारक ने जो डॉक्यूमेंट उपलब्ध करवाए लेकिन एप्रूवल होने में विलंब हुआ। वसा के मुताबिक, ग्राहक ने माफीनामा भी मांगा है। हमने इस संबंध में मुंबई ऑफिस सूचना भेजी है। वहीं ऋषभभाई वसा ने बताया खाते से पैसे कटने का ये वाकया उनके साथ पहले भी हो चुका है।
नए फॉर्मेट में जानकारी दी, फिर भी कट गई रकम
मामला राजकोट के राजकोट जिला पंचायत चौक क्षेत्र ब्रांच का है। विकासभाई दोशी का करंट अकाउंट इसी ब्रांच में हैं। बैंक ने विशालभाई से संस्था का सीएस सर्टिफिकेट मांगा था। उन्होंने ऐसा ही किया। लेकिन बैंक ने उन्हें बताया कि फॉर्मेट बदल गया है। इसलिए दोबारा सर्टिफिकेट देना होगा। दोशी ने नए फॉर्मेट में सर्टिफिकेट जमा कर दिया। इसके बावजूद 31 दिसंबर 2020 को उनके खाते से 1.62 लाख रुपए काट लिए गए थे।