सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में दो लड़की बुर्का पहनी हुई दिख रही है। दावा किया जा रहा है कि दोनों युवती हिंदू है। जिन्हें लखनऊ में सीएए के विरोध प्रदर्शन को बाधित करने की कोशिश में पकड़ा गया।
किसने किया शेयर ?
ट्विटर पर वीडियो को एक यूज़र ने शेयर किया है। कैप्शन है- एक का नाम पूजा है और दूसरी का मानसी। आरोप है कि यह दोनो बुर्का पहनकर लखनऊ में घंटाघर के पास सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरुद्ध धरने पर बैठी महिलाओं की भीड़ में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रही थीं। बहुसंख्यकों को मूर्ख बनाने के लिए मुसलमानों को बदनाम करना ठीक नहीं है।
एक का नाम पूजा है और दूसरी का मानसी, और आरोप है कि यह दोनो नक़ाब (बुर्क़ा)पहन कर लखनऊ मे घंटा घर के पास CAA, NRC और NPR के विरुद्ध धरने पर बैठी महिलाओं की भीड़ मे पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगा रही थीं।बहुसंख्यकों को मूर्ख बनाने के लिए मुसलमानो को बदनाम करना ठीक नहीं है। pic.twitter.com/AducMdSInn
— Shakeel Ahmad (@Ahmad_Shakeel) January 29, 2020
क्या है सच?
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। पड़ताल में हमें प्रभात खबर की एक न्यूज मिली। जिसमें वायरल हो रहा वीडियो है। न्यूज 23 नवंबर 2017 की है। जिसका शीर्षक ‘बुर्का में वोट डालने पहुंची थी दो लड़कियां, नकाब हटा तो सन्न रह गये पुलिसवाले’। खबर के अनुसार घटना गोंडा के कटरा बाजार यूपी की है। जहां दो महिलाओं ने चुनाव में फर्जी वोट डालने बुर्का पहनकर पहुंची थी।
निष्कर्ष: यह साफ है कि वायरल वीडियो गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।