राजेश खन्ना जब अपने करियर के सुनहरे दौर में थे तब भी अपनी पोजीशन को लेकर काफी इनसिक्योर रहते थे. जब वो मल्टीस्टारर फिल्मों में काम करते थे तो उनका सारा ध्यान इस बात में लगा रहता था कि साथी कलाकारों का रोल उनसे बेहतर ना हो. इसके लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते थे. 1981 में एक ऐसा ही वाकया हुआ जब खन्ना ने फिल्म ‘कुदरत’ में विनोद खन्ना और राजकुमार का रोल कटवाने के लिए फिल्म के एडिटर को ही हाइजैक कर लिया.
‘कुदरत’ का निर्देशन चेतन आनंद कर रहे थे, जिनके बारे में मशहूर था कि वो अपने काम में किसी की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करते. राजेश खन्ना ने ही इस फिल्म के निर्देशक के रूप में चेतन के नाम की सिफारिश की थी, इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि वो विनोद खन्ना और राजकुमार के रोल के मुकाबले उनके रोल को ज्यादा तवज्जो देंगे. लेकिन जब फिल्म की शूटिंग ख़त्म हुई तो खन्ना काफी निराश हो गए क्योंकि फिल्म में दोनों कलाकारों के मुकाबले उनका रोल काफी कमजोर नजर आ रहा था.
खन्ना चेतन आनंद से तो कुछ कह नहीं सकते थे इसलिए उन्होंने निर्माता बी.एस.खन्ना पर दबाव डालकर फिल्म को री-एडिट करने को कहा और निर्देशक को इसकी जानकारी नहीं दी गई. निर्माता और राजेश खन्ना ने एडिटर को किडनैप कर लिया और राजकुमार और विनोद खन्ना के रोल के ज्यादातर हिस्से कटवा दिए.
जब इसकी जानकारी चेतन आनंद को हुई तो उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया और अपनी ही फिल्म पर रोक लगाने के लिए कोर्ट जा पहुंचे. लेकिन कोर्ट ने फिल्म को निर्माता की संपत्ति मानते हुए इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया और 3 अप्रैल 1981 को फिल्म रिलीज हो गई. फिल्म तो कुछ ख़ास नहीं चली लेकिन इसके गाने खूब हिट हुए.