उत्तर प्रदेश में अब प्राइमरी शिक्षकों और प्राचार्यों की सैलरी इंक्रीमेंट का तरीका बदला जा रहा है। यूपी बेसिक शिक्षा विभाग (UP Basic Education Department) ने इसके लिए कॉर्पोरेट अप्रेजल सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है।
फॉर्म में क्या है?
इस फॉर्म में 9 मानक दिए गए हैं, जिसके आधार पर शिक्षकों व प्राचार्यों को प्वाइंट्स मिलेंगे। फिर कुल प्वाइंट्स के आधार पर सैलरी बढ़ाई जाएगी। फॉर्म में 7 मानक शिक्षकों व प्राचार्यों के लिए समान हैं। दो मानक प्राचार्यों के लिए अलग हैं।
जैसे – प्राचार्यों को यह जानकारी देनी होगी कि कायाकल्प योजना के तहत स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड व अन्य सुविधाएं दी गई हैं या नहीं। अगर योजना में बताई गई सभी 14 सुविधाएं स्कूल में हैं, तो प्राचार्य को 10 प्वाइंट्स मिलेंगे। स्कूल के सभी स्टूडेंट्स को रिपोर्ट कार्ड मिले या नहीं, इस पर भी 10 प्वाइंट्स रखे गए है।
शिक्षकों को किन आधारों पर मिलेंगे प्वाइंट्स?
जिन मानकों पर शिक्षकों का आंकलन किया जाएगा, वे यहां बताए जा रहे हैं –
स्कूल में उनके द्वारा किए गए नामांकनों और आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या।
प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भागीदारी। जिन्होंने निष्ठा – कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम (Nishtha) के तहत सभी प्रशिक्षणों में हिस्सा लिया है, उन्हें पूरे 10 प्वाइंट्स मिलेंगे।
दीक्षा पोर्टल (Diksha Portal) पर सक्रियता।
स्कूल प्रबंधन समिति की बैठकों में भागीदारी।
विद्यार्थियों द्वारा पुस्तकालय का उपयोग।
विद्यार्थियों को मिलने वाले ग्रेड/ उनकी एकेडेमिक परफॉर्मेंस।प्रवक्ता ने कहा कि ‘पहले यह प्रक्रिया ऑफलाइन थी, जिसे प्रखंड व जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा पूरा किया जाता था। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा था।’
हालांकि नये फॉर्मेट से शिक्षक खुश नहीं हैं। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ (UP Primary Teachers’ Association) के लखनऊ जिला अध्यक्ष सुधांशु मोहन का कहना है कि ‘कायाकल्प योजना के तहत ग्राम प्रधान स्तर पर काम होना है। अगर प्रधान काम नहीं कर रहे हैं तो उसके लिए हेड टीचर को दंड क्यों मिले।’