मधुमेह रोगियों को अक्सर सौंफ का सेवन करना चाहिए या नहीं? इसको लेकर भ्रम की स्थिति है। पता करें कि इस जानकारी पर आधारित जानकारी वास्तव में क्या है।

मधुमेह रोगियों के लिए चैंटरेल का सेवन फायदेमंद माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह मधुमेह को रोकने और इसके लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करता है। मेथी के बीज प्रोटीन से भरपूर और घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

सौंफ का सेवन फायदेमंद माना जाता है और इसे कई खाद्य पदार्थों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह प्रोटीन से भरपूर होता है। इसे भून कर भी खा सकते हैं. आप चेंटरलेस भी खा सकते हैं।

कच्चे चेंटरेल में पके चेंटरेल की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को संतुलन में रखने में मदद करता है। कम अम्लता स्तर के कारण, कच्ची सौंफ एक ऐसा फल है जिसे आप अपने नियमित कार्बोहाइड्रेट के विकल्प के रूप में ले सकते हैं।

कच्ची सौंफ में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक शर्करा और फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं। यह शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन के उत्सर्जन को नियंत्रित करके और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करके मधुमेह के लक्षणों को रोकने और प्रबंधित करने में मदद करता है।

इसके अलावा, चेंटरलेस पाउडर अपच में तुरंत राहत देता है। इसके लिए सबसे पहले चने के बीज को धूप में सुखाकर उसका चूर्ण बना लेना चाहिए। इस चूर्ण को सुरक्षित रखना चाहिए। अपच की स्थिति में, यह एक त्वरित घरेलू उपचार के रूप में कार्य करेगा। कब्ज होने पर सौंफ को सीधे खाया जा सकता है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। जानकारों के मुताबिक अगर इन सभी समस्याओं का समय रहते इलाज नहीं किया गया तो यह डायबिटीज का कारण बन सकती है।

अगर आप मधुमेह रोगी हैं और नियमित दवाओं के साथ कच्ची सौंफ को अपने आहार में शामिल करते हैं तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसे अपने आहार में शामिल करें।

नोट: एबीपी उपरोक्त सभी को मेरी जानकारी के रूप में केवल पाठकों-दर्शकों तक पहुंचा रहा है। इससे एबीपी मेरा कोई दावा नहीं करता। इसलिए कोई भी उपचार, आहार और दवा किसी विशेषज्ञ की सलाह से ही लेनी चाहिए।