हेल्थ टिप्स / महिलाओं को प्रभावित करने वाली पीसीओडी समस्या क्या है, इससे कैसे जा सकता है बचा
- पीसीओडी या पीसीओएस की समस्या का समाधान
- गांव की महिलाओं में बढ़ रही है समस्या
पीसीओडी या पीसीओएस की समस्या में महिला के अंडाशय में मेल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इससे वजन बढ़ना, बालों का अत्यधिक बढ़ना, चेहरे पर मुंहासे, अनियमित मासिक धर्म जैसी समस्याएं होती हैं।
इस बीमारी का सही कारण तो पता नहीं है, लेकिन ज्यादातर मामलों में तनाव और खराब लाइफस्टाइल के साथ-साथ खान-पान का मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन होता है। अगर मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग हो रही हो तो सावधान हो जाएं। उम्र के इस पड़ाव पर तमाम तरह के लक्षण सामने आते हैं।
सतर्क रहिये
कम उम्र में शरीर में किसी भी तरह की गड़बड़ी या किसी भी उम्र में इस बीमारी के किसी भी लक्षण का तुरंत इलाज करना चाहिए। अन्यथा भविष्य में मधुमेह, रक्तचाप, हृदय संबंधी रोग और गर्भाशय के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
उपचार का तरीका
इस बीमारी में डॉक्टर सबसे पहले इसके लक्षणों की जांच करते हैं। फिर, लक्षणों के आधार पर, शारीरिक परीक्षण के अलावा, रक्त परीक्षण द्वारा उपचार विधि तय की जाती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को जीवनशैली में बदलाव और जरूरत के मुताबिक हार्मोन की दवाएं भी दी जाती हैं।
जीवनशैली बदलें
तनावमुक्त रहें। इसके लिए नियमित रूप से मेडिटेशन करें और संगीत सुनें और किताबें पढ़ें। वॉकिंग, जॉगिंग, योगा, ज़ुम्बा, डांस, एरोबिक्स, साइकलिंग, स्विमिंग या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करें।
जंक फूड या तले हुए भोजन के बजाय पौष्टिक संतुलित आहार लें। आहार में हरी सब्जियां, अलसी, दही, किशमिश, अखरोट और मौसमी फल शामिल करें और पिज्जा, पास्ता, डिब्बाबंद सामान या प्रसंस्कृत भोजन से बचें।