म्यूजिक इंडस्ट्री में आरडी बर्मन एक ऐसा ही नाम है। जिसके बिना संगीत की दुनिया शायद अधूरी है। उन्होंने अपनी कला के बल पर भारतीय संगीत को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई। यही वजह है कि वह आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपने संगीत से लोगों के दिलों में अमर हैं। आज आरडी बर्मन की जयंती है । आरडी बर्मन 60 से 80 के दशक तक बॉलीवुड संगीत पर छाए रहे। आज पूरी दुनिया उन्हें उनके टैलेंट की वजह से याद करती है। सबके दिलों पर राज करने वाले आरडी बर्मन प्यार से ‘ पंचम दा ‘ के नाम से जाने जाते थे । उनके खास दिन पर आज हम उनके बारे में कुछ ऐसी दिलचस्प बातें जानेंगे जिनसे बहुत से लोग अनजान हैं।
आरडी बर्मन, जिन्होंने 60 से 80 के दशक तक कई सुपरहिट गाने तैयार किए। उनका जन्म 27 जून 1939 को हुआ था। वह प्रसिद्ध संगीतकार सचिन देव बर्मन के पुत्र थे। सचिन देव बर्मन हिंदी सिनेमा के अग्रणी संगीतकारों में से एक थे। साथ ही उनकी मां की बात करें तो उनकी मां मीरा देव बर्मन एक गीतकार थीं। जैसे, आरडी बर्मन उस पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते थे जहां संगीत के दिग्गज मौजूद थे।
पंचम दा ने लगातार तीन दशकों तक हिंदी सिनेमा पर राज किया है। इस दौरान उन्होंने 331 फिल्मों में सुपरहिट म्यूजिक दिया है। जो आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है। इतना ही नहीं पंचम दा अपने संगीत के साथ-साथ अपनी सुरीली आवाज के लिए भी जाने जाते थे।
पंचम दा आशा की भोंसले से कैसे हुई भिड़ंत?
आज पंचम दानी की 83वीं जयंती है. इस मौके पर देश-दुनिया के लोग उन्हें अपने बेहतरीन कलाकार के तौर पर याद कर रहे हैं. उनकी पत्नी आशा भोंसले ने भी संगीत की दुनिया में एक ऐसी पहचान बनाई है जो शायद ही किसी को मिली हो। लेकिन, सुरोना सरताज, पंचम दा ने अपनी छाप छोड़ने तक आशा अपना संघर्षपूर्ण जीवन जी रही थी। इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई और इनकी जबरदस्त केमिस्ट्री शुरू हो गई।
आशा और पंचम दानी किस फिल्म के दौरान मिले थे?
60 के दशक में जब आशा भोंसले बॉलीवुड में अपनी पहचान बना रही थीं, तब आरडी बर्मन इंडस्ट्री का एक जाना-माना चेहरा बन गए थे। आशा और आरडी बर्मन की पहली मुलाकात 1956 में राज कपूर की फिल्म ‘बूट पोलिश’ के दौरान हुई थी। जब आशा ने पहली बार फिल्म में छह गाने गाए थे। लेकिन यह मुलाकात उनमें से एक बनाने के लिए काफी नहीं थी। 10 साल बाद साल 1966 में जब आरडी बर्मन फिल्म ‘तीसरी मंजिल’ में गाने के लिए किसी सिंगर की तलाश में थे तो उनके दिमाग में आशा भोंसले का नाम आया।
ये वो दौर था जब आरडी बर्मन और आशा भोंसले दोनों अपनी निजी जिंदगी में नाखुश थे। वहीं, दोनों ने पहले तलाक ले लिया था। तीसरी मंजिल की फिल्म में गाने का ऑफर मिलने के बाद आशा भोंसले ने आरडी बर्मन के लिखे कई गाने गाए। संगीत उन्हें करीब लाने का एक तरीका बन गया। संगीत ने दोनों को सालों तक साथ रखा। धीरे-धीरे दोनों का प्यार परवान चढ़ा और दोनों शादी के लिए राजी हो गए। लेकिन, उस समय आशा 3 बच्चों की मां थीं और आरडी बर्मन से छह साल बड़ी भी थीं। यही वजह थी कि बर्मन की मां इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थीं, लेकिन दोनों के सच्चे प्यार ने कई मुश्किलों के बाद भी एक-दूसरे का हाथ थामे रखा.
यह साल बहुत दुखद रहा
दोनों की शादी 1960 में हुई थी। दुखद मोड़ तब आया जब 54 वर्षीय आरडी बर्मन ने 4 जनवरी 1994 को सभी को अलविदा कह दिया। उनकी मृत्यु के बाद, आशा पूरी तरह से टूट गई, लेकिन उन्होंने अपना ख्याल रखा और अपना जीवन संगीत को समर्पित कर दिया। बेशक आरडी बर्मन आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन पूरी दुनिया उन्हें आशा भोंसले के साथ-साथ उनके संगीत और व्यक्तित्व की वजह से याद करती है।